दिव्यानने, दिव्य मने भव जीवन पूर्ण बने! दिव्यानने! आभा सर लोचन वर स्नेह सुधा सागर! स्वर्ग का प्रकाश हास करता उर तम विनाश, किरणें बरसा कर! भय भंजने, जन रंजने! तुम्हीं भक्ति तुम्हीं शक्ति ज्ञान ग्रथित सदनुरक्ति! चिर पावन सृजन चरण, अर्पित तन मन जीवन! हृदयासने श्री वसने!
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