Saturday 27 July 2019

चंद मुक्तक पायल पर Chand muktak payal par

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वो पायलें सालों से बंद कर के रखी है अलमारी की तिजोरी में,
बस इंतजार मुझको इतना है के तुम आओ तो हम भी पहनेंगे
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मेरी खामोशियो की जुबां बन जाते है घुंघरू मेरी पायल के
तेरे सपनो की अधूरी कहानी भी कहते है घुंघुरू मेरी पायल के

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शोर पायल के घुंघरू क्यो न मचाते होंगे
उनके पैरों को चूमकर वो भी मचल तो जाते होंगे


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