Saturday 29 June 2019

kaala shaa kaala, (punjabi folk song, punjabi wedding song)

No comments :

मोहब्बत को शर्तो का पाबंद ना कीजिये

No comments :


मोहब्बत को शर्तो का पाबंद ना कीजिये
बिछुड़ जाए साथी तो उसे बेवफा न कहिये
बाप की पगड़ी धूल में न मिल जाये
अपनी दिलरुबा को किसी की बेटी भी समझिये
मर के जन्नत मिलेगी या नही ये मरने के बाद कि बात
जीना दुनिया मे है तो दुनियादारी की बात कीजिये
दूर होकर भी वफ़ा इश्क़ निभा सकते है तो निभा लीजिये
इश्क़ करना हो तो राधा कृष्ण सा कीजिये

Friday 28 June 2019

सात आठ शेर saat aath sher

No comments :


फिर मिला एक शख्स तन्हा सा
हजारो की भीड़ में कुछ जुदा सा
यू सबसे बात करता था
मगर रहता था खुद मैं डूबा सा
---------------------------------------

तन्हाइयां, वीरानियाँ, रुसवाईयाँ, बेचैनियां, 
कितना कुछ तो मिला इश्क़ मैं, 
एक सुकून चला भी गया तो क्या हुआ
==============================

तमाम उम्र तन्हाई मैं गुजरे तो भी तन्हाई की आदत नही होती
पर चार दिन उनके साथ क्या बिता लिये, आदत छूटती ही नही फिर
-----------------------------------------------------------

तुम्हारी यादे शाम ऐ अवध की जैसी है
शाम होते ही खुद ब खुद नाचने लगती है आंखों में
----------------------------------------------------------------


होंटो पे हँसी रखकर आज फिर दिन की शुरुवात करूँगी
खिड़की से देखूंगी खिलते फूलो को और तुमको याद करूँगी
------------------------------------------------------------------------

मैंने आंसू नही अंगारे पिये है
अब मत पूछना के जुबान से अंगारे क्यों बरसते है मेरी

------------------------------------------------------------------------

सच कहु तो अब उन्हें याद करने का दिल बिल्कुल भी नही करता
मगर उनकी यादे खुद ही बिना बुलाये चली आये तो क्या करूँ
------------------------------------------------------------------------

कभी कभी ऐसा लगता है के मैं सो रहा हु ओर 
वो तकिये पे सर रख के अपनी जुल्फे मेरे सीने पे गिरा देती है
------------------------------------------------------------------------


जब भी बनती संवरती हु आईने को देखकर, 
जाने कहा से उनकी आवाज कानों मैं कह जाती है के
 'बाल खुले रखना'
------------------------------------------------------------------------

और हम तुमसे उलझे aur hum tumse uljhe

No comments :


वो यू बाल सुलझाते है मेरे
के बाल खुद ब खुद उनकी 
उंगलियो से लिपट जाते है
मानो के कह रहे हो तुम सुलझाओ 
और हम तुमसे उलझे

काश ऐसी भी सुबह हो kash aisi subah ho

No comments :




काश ऐसी भी सुबह हो,
 मैं नींद से जागू अंगड़ाई से हाथ घुमाते हुये
 और तुम सामने खड़े मिलो हसते मुस्कराते हुए

Monday 24 June 2019

मेरे कुछ शेर

No comments :


वो उसकी तस्वीर थी के जिससे जी भर के बाते किया करती थी
वार्ना तो वो गली से गुजरे तो खिड़की भी अपनी बन्द रखा करती थी
चूमकर रखती थी तस्वीर उसकी मगर सामने उसके नजरें झुका के रखती थी

ये बात और है के बंद खिड़की के सुराखों से भी उसको देखा करती थी


खत्म होने को है मोहब्बतों के सिलसिले
खुदा जाने के फिर हम मिले ना मिले
चलो इक बार अलविदा कह

लग के फिर से उसके गले


मुझे भी है तुमसे काम बड़े,
रात को ख्वाबो में आना तो बताउंगी
तेरी यादे सोने भी नही देती
मेरा बस चला तो आज तुमको भी जगाऊंगी




Thursday 20 June 2019

मोहब्बत को शर्तो का पाबंद ना कीजिये mohabbat ko sharto ka paband na kijiye

No comments :




मोहब्बत को शर्तो का पाबंद ना कीजिये
बिछुड़ जाए साथी तो उसे बेवफा न कहिये
बाप की पगड़ी धूल में न मिल जाये
अपनी दिलरुबा को किसी की बेटी भी समझिये
मर के जन्नत मिलेगी या नही ये मरने के बाद कि बात
जीना दुनिया मे है तो दुनियादारी की बात कीजिये
दूर होकर भी वफ़ा इश्क़ निभा सकते है तो निभा लीजिये
इश्क़ करना हो तो राधा कृष्ण सा कीजिये


Tuesday 18 June 2019

यानी तुम मुझे देखती तो हो

No comments :

मैंने कहा,
जब जुड़ा हो गए है रास्ते
तो मेरे पीछे आते हो किस वास्ते
क्यों खुद को जलील करवाते हो
क्यों दुनिया में खुद का मजाक बनाते हो

उसने कहा
शुक्र है खुदा, यानी तुम मुझे देखती हो
न हो कोई रिश्ता अब पर पुराना कोई ताल्लुक मानती तो हो
तेरे लिए खुद की रुसवाई मंजूर हमें
बस तेरी नजरो से दुरी नहीं मंजूर हमें

मैं तुमको नजर ना आयुंगी

No comments :

इन आँखों में सो जयुंगी
मैं बातो में रह जयुंगी
कुछ चंचल खट्टी मीठी सी
मै यादो में खो जयुंगी
कल श्याद मैं तुमको नजर ना आयुंगी

इक दिन तुमको खलेगी
ढूँढोगे हर लम्हा पर न मिलेगी
मेरे रंग में फिजा ये रंगेगी
मैं नहीं बस तस्वीर मेरी रहेगी
मै बादलो में चेहरा बनकर उभर आयुंगी
कल श्याद तुमको नजर न आयुंगी


सांसे तुम्हारी कुछ मद्धम होंगी
दिए की लो भी कुछ कम होंगी
उजली सुबह में ढलती शाम मिलेगी
रंगो में भी पहले सी वो जान न होगी
फिर से छत पे दुपट्टा लहराने मैं न आयुंगी
कल श्याद तुमको नजर न आयुंगी


Monday 3 June 2019

मशहूर ठिकाना

No comments :

वो अकेला खड़ा बूढ़ा  शजर कुछ पुराना सा  लगता है
किसी गुजरे जमाने का कोई मशहूर ठिकाना सा लगता है


कुरबते इतनी है

No comments :

कुरबते इतनी है के वो आये तो मैं उनमे अपनी रूह डाल दु मगर फासले इतने है के जानती ही नही के वो अब कभी नजर भी आएंगे या नही


मैं बदल गया हूं,

No comments :

वो लौटकर आये और कहने लगे के अब मैं बदल गया हूं,
मैं भी बोली के अब मैं भी बदल गई


तन्हा

No comments :

ढलती हुई शाम फिर उदास कर रही हैं मुझे,
जलते हुए चिराग फिर तन्हा कर रहे हैं मुझे


गलतफहमी galatfahmi

No comments :

उनके सब वादे,कसमे ओर इसरार , बाजुबानी याद है मुझको,

आज कैसे कह सकते है वो के गलतफहमी है मुझको,


लत latt

No comments :

तुमसे बाते करने की लत यू लगी के
आज भी तुमको चिट्ठियां लिखा करती हूं
जबकि जमाना फ़ोन का है पर आदते बिगर जाए तो सुधरा नही करती,


तेरे लिए ही बनी हु tere liye hi bani hu

No comments :

प्रीतम रंग रंगी हु, साजन की संगिनी हु,
बिछुड़ के भी ये ही कहूंगी के तेरे लिए ही बनी हु


मलाल

No comments :

गिला ये नही के वो बेवफा निकला,
मलाल तो उसके बेवफाई के अंदाज पे है


बंद कमरे मे

No comments :

दिल के बंद कमरे मे बरसो से अकेली रहती हूं
एक दिन मै एक बरस गुजर जाता है


विरहनी

No comments :

मैं विरहनी, पिया मिलन की आस कैसे रखूं
हु जिनके पैरो की धूल उनपर हाथ कैसे रखूं


घोसला चाहती हु,

No comments :

थका हुआ परिंदा हु मैं,अब घोसला चाहती हु, बहुत कुछ है कहने सुनने को, बस कोई अपना चाहती हु


तरसे मेरे दीदार को,

No comments :

खुदा करे के वो दिन आये के वो एक बार फिर से तरसे मेरे दीदार को,
पर इस बार मैं लौटकर न देखु उन्हें, बिल्कुल उनकी तरह


पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त

No comments :


यकीन नही होता के हमारी कहानी खत्म हो चुकी है
दिल बार बार ये कहता है के पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त

लफ्ज़ फरेबी ह

No comments :

लफ्ज़ फरेबी है मेरे, इनपे मत जाइए
मगर जख्म असली है उनपे नमक मत लगाइये


खुदा सलामत रखे मेरे चुगलखोरों को,

No comments :

खुदा सलामत रखे मेरे चुगलखोरों को,
एक ये ही तो मेरे जाने के बाद भी मुझे याद करते है


तशुदुत का काम

No comments :

कुछ लोग तशुदुत का काम भी बड़े कारीगिरी से करते है
निशान तक भी दिखाई नही देता लेकिन जिस्म से रूह तक के टुकड़े हजार करते है


खामोश किनारे khamosh kinare

No comments :

तुम बिन कहने सुनने वाला कोई नही
अब जुगनू, तारो और इन खामोश किनारो को कितने किस्से सुनाऊ


ये कैसी तृष्णा ye kaisi trishna

No comments :

कुछ चिराग जल रहे है
कुछ चिराग बुझ गए है
मगर ये कैसी तृष्णा के न जल रहे है हम न बुझ गए


कान्हा नींद न देना kanha neend na dena

No comments :

या तो कान्हा नींद न देना
नींद देना तो स्वप्न न देना
स्वप्न दो तो अपने मत देना
अपने स्वप्न दो तो नींद खुलने मत देना


मैं तुम्हे भुला नहीmain tumhe bhula nahi

No comments :

काश के वो एक बार मुझे बस इतना कह जाए के मैं तुम्हे भुला नही रुचि,
तो ये तमाम उम्र सुकून से कट जाए


वक़्त नही तुम्हारे पास waqt nahi tumhare paas

No comments :

तुम कहते हो के जल्दी बात खत्म करू, वक़्त नही तुम्हारे पास मेरे लिए
अब तुम ही बताओ के हजारो रातो के लाखों ख्वाब एक पल में कैसे बयाँ करू


कान्हा तुम जैसी ही हो जाउ मैं भी

No comments :

काश कान्हा तुम जैसी ही हो जाउ मैं भी
प्रीत लगाकर, नेह जगाकर, दूर समुद्र में नगर बसाऊ मैं भी


कीचड़ keechad

No comments :

कहा खो गई वो सावन की बदली,
के जिसमे मैं कीचड़ मैं भी नाचा करती थी


मेरे नाम से mere naam se

No comments :

क्यो खुद को अजियत देते हो मेरे नाम से उठते सवालो पे, कह दिया करो के जानता नही किसी रुचि को मै


हिज्र की गर्मी से hijr ki garmi se

No comments :

क्या धूप खिली है हिज्र की गर्मी से
के चांदनी से भी दिल जलता ही रहा


तजुर्बे

No comments :

बचपन मे इमली भी खट्टी नही लगती थी,
पर बड़े होकर हर तजुर्बे  खट्टे लगने लगे

बस अभी अभी

No comments :

उनकी हथेलियों के ख्याल मेरे चेहरे पे छा जाते है कभी कभी,
के जैसे मेरे केसुओ को सहलाया हो उन्होंने बस अभी अभी


एक फूल

No comments :

टाहनी से एक फूल गिरा और
गिर कर पंहुचा राहों में
कुचला सबने बारी बारी
आया क्यों वो निगाहों में।


Sunday 2 June 2019

हकीम साहब, hakeem sahab

No comments :

यादाश्त बढ़ाने की बहुत नुक्से होंगे हकीम साहब,
गर कुछ भुलाने का भी कोई दवाई हो तो हमे भी बताना


मोहब्बत वोहब्बत कुछ नहीं mohabbat vohabbat kuch nahi

No comments :

मोहब्बत वोहब्बत कुछ नहीं  बस दिलजोई थी सनम की
कुछ चुनरी महक रही थी कुछ चूडियों की खनक थी


काश kash

No comments :

काश पहले की तरह, मैं रुमझुम तराना कोई गायु, तुम मेरे गीतों पे यू ही मुस्कराओ,
काश फिर से मैं तारे देखने छत पे आउ ओर तुम मुझे देखने छत पे आ जाओ


वो कहता था vo kahta tha

No comments :

वो कहता था के रुचि तुमसा इस दुनिया मे कोई नही,
मगर लगता है के शायद कोई और मुझ जैसा मिल गया उसको


उनको क्या मालूम unko kya maloom

No comments :

वो मेरी वफ़ा को तोलते है, उनको क्या मालूम वफ़ा को तराजू मैं  नहीं रखा जाता


मुझे देखकर mujhe dekhkar

No comments :

तू भूल गया मोहब्बत करना मगर तेरी तस्वीर नही भूली हमे,
जब भी देखती हूं तस्वीर में , तुम अब भी मुस्कराते हो मुझे देखकर


उसको करार आयाusko karaar aaya

No comments :

वो सबूत मांगता रहा मोहब्बत के मुझसे
बेवफा करार कर के ही मुझे उसको करार आया


सब याद है मुझे sab yaad hai mujhe

No comments :

बारिशो मैं साथ भीगना, ताश के पत्तो मैं तेरा हारना
तकियों को हथियार बनाकर लड़ना
चादर से गुस्से से मुह ढक लेना
सब तो याद है मुझे, तो भूल कहा हुई मुझसे


गहरी नींद में हु gahri neend mei hu

No comments :

गहरी नींद में हु मैं, कुछ तेरे इश्क़ की , कुछ तेरी वहशत की
गहरी नींद में हु मैं , कभी विसाल ऐ यार में तो कभी हिज्र मैं
गहरा नशा है ये तेरी वफ़ा का तो कभी जफ़ा का

अधूरे स्वप्न adhure swapn

No comments :

कितने अधूरे स्वप्न है मन के वृन्दावन मैं
तुम किसी दिन कान्हा बनकर मिलो इस जीवन में
बांसुरी की मधुर धुन बजती रही धड़कन मैं
तुम्हारे पैरो मैं चंदन लगाकर बन जाउ धन्य मैं


अजियत aziyat

No comments :

क्यो खुद को अजियत देते हो मेरे नाम से उठते सवालो पे, कह दिया करो के जानता नही किसी रुचि को मै


फ़साना fasana

No comments :

मैं शायरी पढ़ रही थी
कुछ गजल कह रही थी
किताब के पीछे से आंखे ही दिख रही थी
गजल क्या कहती नज्म क्या पढ़ती
के खुद फ़साना बन गयी थी