Tuesday 20 August 2019

बेटी की माँ कुछ कम माँ

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कहने को तो हर माँ , माँ है
पर मेरी माँ दो बेटीयो की माँ है
माँ तो खैर मा होती है लेकिन
बेटीयो की माँ शायद कुछ कम माँ होती है

कदम कदम पे उसे सिखाता है जमाना
के बेटी को कैसे है पालना
हर आता जाता कह जाता है के बेटा होता तो कोई बात नही, पर बेटीयो का ध्यान रखना
क्योकि बेटीयो की माँ शायद कुछ कम माँ होती है

खूब डराता है ये जमाना उसको, गर वो खुद बेटी की पैदाइश से ख़ौफ़ज़दा नही होती
सो बार टोकेगा हर रिश्ता उसे, बार बार समझायेगा के बेटी पराई होती है अपनी नही होती मगर मेरी माँ खफा नही होती
क्योकि बेटी की माँ कुछ कम मा होती है

भेडियो से इसको बचाना होगा, बेटी है तो सब कुछ सिखाना होगा
लाड प्यार से  खराब कर देगा इसको, अगले घर जाकर सब कुछ बनाना होगा
ये सोचती नही मा, बल्कि सबसे सुनती है क्योंकि
बेटीयो की माँ शायद कुछ कम माँ होती है

पढ़ाई लिखाई खत्म हुई, नोकरी क्यो कराओगी
शर्म नही आएगी क्या बेटी की तनखा खाओगी
शुक्र है जमाने तेरा, के तूने समझाया
क्योकि
बेटीयो की माँ शायद कुछ कम माँ होती है

अच्छा सा लड़का देखो और शादी कर दो
खुश खूब रखेगा ससुराल गर दहेज जी भर दो
ये मेरी माँ ने माना नही पर तुमने मनवाया क्योकि
बेटीयो की माँ शायद कुछ कम माँ होती है

बेटी हु तो क्या इंसान तो हु
तेरी नही मगर फिर भी अपने माँ बाप की जान तो हु

अब मुझे बताया जाता है
सो बार समझाया जाता है
के माँ कुछ मुझे नही सिखाया
बस एक बोझ मान कर उठाया
मैं चुप चुप आंसू रोती हु, थाली में भर भर गाली सहती हु
क्योंकि बेटीयो की माँ शायद कुछ कम माँ होती है

ये नही लाई, वो नही लाई,
तेरी माँ ने नाक हमारी कटाई
शादी का खर्च शान दिखा अहसान नही कोई किया
अपनी ही बेटी को दिया जो भी दिया
क्योंकि बेटीयो की माँ शायद कुछ कम माँ होती है

गर अपनी ही बेटी को दिया तो क्यो है तुमको गिला
बेटा पैदा कर ऐसा क्या अहसान तुमने किया
काश बेटो की माँ भी बेटी की माँ जैसी होती
थोड़ी कम माँ होती पर माँ तो होती

मुझे गिला नही के मेरी माँ कुछ कम माँ है
मुझे तो बस इतना जानना है के बेटो की माँ मैं ममता ज्यादा क्यो है
ज्यादा है तो वो नजर क्यो नही आती
इस से बेहतर तो बेटी की माँ है थोड़ी कम ही सही, पर माँ तो है


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