जीवन की साधना असफल जो सफल बना सिद्धि सही चिर तपना! जीवन की साधना! विपदाएँ, दुराशाएँ नष्ट मुझे कर जाए, भ्रष्ट न हो पथ अपना! चूर्ण हुई जो आशा, पूरी न जो अभिलाषा, चूर्ण हुई जो आशा— भूषित हो उनसे मन लांछन से शशि शोभन सत्य बने जो स्वपना! जीवन की साधना!
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