कभी आसमान में उड़ते परिंदे तूने देखे ही नही तुझे तो बस खुद को बुलंद मुकाम पे लाने का जुनून सवार था अब होश आया तो धरती भी कम हो गई तेरे लिए कितना तुझ पर खून सवार था
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