Tuesday 17 July 2018

मैंने देखे चाँद तारे

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मैंने देखे है चाँद तारे,
मैंने देखे दुनिया के नज़ारे
मैंने खुशबु को हवा मई घुलते भी देखा
मैंने नदियो को बलखाते भी देखा
मैंने देखे हजारो मेले
मैंने देखे मेलो मे हजारो अकेले
मैंने सब को रब से डरते देखा
लेकिन फिर उनको बेबाकी से इंसानियत से गिरते भी देखा
मैंने देखा मंदिर मस्जिद गिरते हुये
मैंने देखा धर्म के नाम पे हैवानियत होते हुए
मैंने हर मजहब मेऔरत का रुतबा भी देखा
लेकिन हर गली मे औरत को बिकते खरीदते भी देखा
मैंने देखा नंगे बच्चों को हँसते हुए भी
मैंने देखा चस्मा लगाये भारी बैग उठाये गुमसुम बच्चा भी
दुनिया बनाने वाले ने तो दुनिया बनाई लेकिन इंसान ने दुनिया की ऐसी तैसी फिराई
शांति के नाम पर दंगे और मोहब्बत के नाम पर बेवफाई, वाह रे बन्दे क्या दुनिया बनाई



Ruchi Sehgal

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