Tuesday 28 May 2019

भरम bharam

No comments :

वो मिल गए मुझे अचानक एक दिन राह में
मैंने सोचा के रोक लेती हु उनको
पूछती हु के क्या सबाब मिला उनको
के वादों को तोड़कर गए थे
राह में अकेला छोड़कर गए थे
मगर फिर सोचा के रोक के क्या करुँगी जब राहे ही जुदा है

मैंने सोचा के रोक लेती हु उनको
कुछ शिकवे शिकायते करुँगी
उनसुल्झे सवालो के जवाब मांगूगी
के खतायें क्या थी मेरी
वफाये क्यों रास न आई मेरी
मगर फिर सोचा के रोक के क्या करुँगी
जब मोहब्बत का भरम वो तोड़ ही गए


No comments :

Post a Comment