Tuesday, 28 May 2019
याद है या नही yaad hai ya nahi
मोहब्बते के वो दोर उसको याद है या नहीं,
किये थे वादे इरादे , उसको याद है या नहीं
वो महफ़िल में बार बार मुड़ के मुझको देखता है
और यकीन भी कराता है सबको के नहीं जान पहचान कोई
कही पुरानी किसी महफ़िल के मेहमान यहाँ मौजूद तो नही
मेरे बदन की खुशबु जान लेता था हवाओ में कभी
आज फिजायें शायद कुछ अलग ही थी
या मेरे दामन में अब वो कशिश बाकी ही नहीं
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