Saturday 14 December 2019

मैं गांधी नही हु पर मैं गांधी बनना चाहता हु

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मैं गांधी नही हु पर मैं गांधी बनना चाहता हु
तन पर दो सूती कपड़े लपेट कर देश प्रेम में जलना चाहता हु
करोड़ो का सूट पहन के देशभक्ति और फकीरी का दावा करने वालो के लिए फिर से
भारत छोड़ो आंदोलन करना चाहता हु
मैं गांधी नही हु पर मैं बनना चाहता हु

मैं वो गांधी बनना चाहता हु जो पराये देश को भी अपना बना डाले
ना कि वो नेता जो 70 साल की महिला को बार बाला कह डाले
मैं गांधी नही हु पर मैं गांधी बनना चाहता हु

सही कहते है के जो कहते है के देश की सत्ता क्या गांधी परिवार ही चलाएगा
गांधी का परिवार तो ये देश है बच्चा बच्चा कब खुद  के अंदर का गांधी पहचान पायेगा
मैं गांधी नही हु पर मैं गांधी बनना चाहता हु

मैं सत्ता वाला गांधी नही सेवा वाला गांधी कहलाना चाहता हु
विदेशो की नही देश की भीतर का हाल जानना चाहता हु
मैं गांधी नही हु पर मैं गांधी बनना चाहता हु

भेद भाव और जातपात की औकात मिटाना चाहता हु
देश प्रेम को ही सबका धर्म बनाना चाहता हु
मैं गांधी नही हु पर मैं गांधी बनना चाहता हु

स्वतंत्रता का सेनानी से महात्मा कहलाने की खोज में जाना चाहता हु
सच मानो गर जिंदा रहता आज तो गोडसे को भी गले लगाना चाहता हु
मैं गांधी नही हु पर मैं गांधी बनना चाहता हु

बात बात पे पाकिस्तान पहुचाने वालो को अखंड भारत वाली सोच सुनना चाहता हु
सरहद पार की जमी भी हिन्द का ही खंड थी कभी बस ये बताना चाहता हु
मैं गांधी नही हु पर मैं गांधी बनना चाहता हु

है हिन्दू मेरा भाई, है मेरा मुसलमान भी मेरा भाई
ये याद कराना चाहता हु
एक घर के दो हिस्से हो तो भी वैर न पालो ये बात बटवारे के संदर्भ में समझाना चाहता हु
मैं गांधी नही हु पर मैं गांधी बनना चाहता हु

लोकतंत्र की बात है जो चाहे नेता बने जो चाहे बने फकीर
सत्ता दिलो पे राज का नाम है कुर्सी पे नही, बस इतना समझाना चाहता हु
मैं गांधी नही हु पर मैं गांधी बनना चाहता हु

हे देशबन्धुओ, नेता और अभिनेता मैं फर्क तुम भूल न जाना
ढोल तमाशे ठहाको को राजनीति का हिस्सा न बना देना
मैं गांधी नही हु पर मैं गांधी बनना चाहता हु

आज़ादी की लड़ाई खत्म हुई पर काले अंग्रेजो से जंग अभी बाकी है
घूसखोरों भरस्टाचारो के खिलाफ फिर से अभियान चलाना चाहता हु
मैं गांधी नही हु पर मैं गांधी बनना चाहता हु

अब घर घर से एक गांधी बाहर आये इस जरूरत का अहसास दिलाना चाहता हु
गांधी वाली सोच को फिर से दिलो मैं जगाना चाहता हु
मैं गांधी नही हु पर मैं गांधी बनना चाहता हु

कैसे सोचा घर खुद का जले तो  तुम चैन से सो जाओगे
गांधी नाम नही था सोच और आवाज थी फिर से देश को जगाना चाहता हु
मैं गांधी नही हु पर मैं गांधी बनना चाहता हु


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