Friday 26 May 2017

हाथो मैं हाथ मिले तेरा फिर से

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यु होगा कभी के तुम और कही
और मैं जी रही होंगी और कही
सांसो के बिन, हर दिन पलछिन
फूलो से भरी राह भी होगी कठिन
जिन्दा में रहु ये है मुमकिन
पर तड़प रहेगी मुझको रात और दिन
के साथ मिले मुझे तेरा फिर से
हाथो मैं हाथ मिले तेरा फिर से
शायद ये वक्त न तब हमारा रहे
बस यादो का ही हमें को सहारा रहे
कश्ती चलती रहे पर न किनारा मिले
पर मुझको उम्मीद होगी के इशारा मिले
के साथ मिले मुझे तेरा फिर से
हाथो मैं हाथ मिले तेरा फिर से
तनहा ये उम्र तू कटेगी नहीं
गर तुम ना आए तो जान ये जायेगी भी नहीं
तुम लाख दुरी बना लेना कभी
मैं फिर भी बस कहूँगी येही
के साथ मिले मुझे तेरा फिर से
हाथो मैं हाथ मिले तेरा फिर से

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