Saturday, 29 June 2019
मोहब्बत को शर्तो का पाबंद ना कीजिये
मोहब्बत को शर्तो का पाबंद ना कीजिये
बिछुड़ जाए साथी तो उसे बेवफा न कहिये
बाप की पगड़ी धूल में न मिल जाये
अपनी दिलरुबा को किसी की बेटी भी समझिये
मर के जन्नत मिलेगी या नही ये मरने के बाद कि बात
जीना दुनिया मे है तो दुनियादारी की बात कीजिये
दूर होकर भी वफ़ा इश्क़ निभा सकते है तो निभा लीजिये
इश्क़ करना हो तो राधा कृष्ण सा कीजिये
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