Sunday 2 June 2019

अधूरे स्वप्न adhure swapn

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कितने अधूरे स्वप्न है मन के वृन्दावन मैं
तुम किसी दिन कान्हा बनकर मिलो इस जीवन में
बांसुरी की मधुर धुन बजती रही धड़कन मैं
तुम्हारे पैरो मैं चंदन लगाकर बन जाउ धन्य मैं


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