Friday 31 January 2020

तलाक

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सुजान न लेवहिं नाम यह तलाक न उमदह नाम।
घ्रणित काम यह अति बुरा नहिं असलौं का काम।
नहिं असलौं का काम नारि जो अपनी छोड़ै।
करैं श्‍वान का काम हाथ दुसरी से जोडै़।।
कहैं रहमान बसें खग मिलकर जो मूर्ख अज्ञान।
कहु लज्‍जा है की न‍हीं दंपति लडै़ सुजान।।


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