Friday 31 January 2020
नर होवे नाक होवे किन्नर गंधर्व यक्ष
नर होवे नाक होवे किन्नर गंधर्व यक्ष
देव होय कोई होय छोड़ूँ बिन मारे ना।
एकइस बार दत्रिन के निछत्री हम कीनो देख
परशु के धार मेरा सत्रुन के दुलारे ना।
अपर भूप भागों ना तो मरोगे हमारे हाथे।
सत्य निर्दोश होय तो भी ढिग आओ ना।
द्विज महेन्द्र बार बार कहता हूँ कर प्रचार
धनुष तुड़ैया अब प्राण कंठ धारे ना।
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