प्रेम की नाँव कुदाँव फँसी मन मोर मल्लाह सलाह कहाँ है। अवसर था जो छूट गया जल आवत जात न जोर रहा है। उम्र नदी इतनी उमगी सखी जोबन के धन जात बहा है। महेन्द्र कहे सखी लाज तजों जब लाग गई तब लाज कहाँ है।
नमन करते हैं ! हमारे भोजपुरी के हीरा है
नमन करते हैं ! हमारे भोजपुरी के हीरा है
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