Friday, 31 January 2020
आ हो सुनु सजनी पिया बिना भइलें मन थोर।
आ हो सुनु सजनी पिया बिना भइलें मन थोर।
दिन नाहीं चैन रैन नाहीं निंदियया नयना से टपकेला लोर।
भादो भेयावन बिजुरी चमके घटा उठे घन घोर।
दादुर शोर सारी रैन मचावत सइयाँ भये कठिन कठोर।
कोयल पपिहा पी-पी पुकारे बन बीच बोलत मोर।
द्विज महेन्द्र पिया अरजु करतु हैं अब मत डाल हू भोर।
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