Friday 31 January 2020
छोड़ दो हमारी बाट रोको ना जमूना घाट,
छोड़ दो हमारी बाट रोको ना जमूना घाट,
लाखन की साड़ी फटी जाय पछितावोगे।
तुमरे तो कमर की छेदामों नाहीं लागे कान्ह,
अइहें ना सभा में काम क्या भूमि पर बिछाओगे।
लाख कही हारी अरज माने ना मुरारी बात,
मान जा हमारी ना तो फेर नाहीं आऊँगी।
द्विज महेन्द्र कृष्णचन्द्र मान जा हमारी बात,
राय से रहोगे तो फेर काल्ह आऊँगी।
Subscribe to:
Post Comments
(
Atom
)
No comments :
Post a Comment