Friday 30 November 2018

हत्थी ढिलक गई मेरे चरखे दी, हुण मैथों कत्त्या ना जावे

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हुण दिन-चढ़आ कद होवे, मैनूं प्यारा मूंह दिखलावे,
तकले नूं वल पै पै जांदे, कौण लुहार लिआवे,
हत्थी ढिलक गई मेरे चरखे दी, हुण मैथों कत्त्या ना जावे ।

तक्कल्युं वल कढ्ढ लुहारा, तन्द चलेंदा नाहीं,
घड़ी घड़ी इह झोला खांदा, छल्ली कित बिध लाहवे,
हत्थी ढिलक गई मेरे चरखे दी, हुण मैथों कत्त्या ना जावे ।

पलीता नहीं जे बीड़ी बन्नहां, बायड़ हत्थ ना आवे,
चमड़्यां नूं चोपड़ नाहीं, माहल पई बतलावे,
हत्थी ढिलक गई मेरे चरखे दी, हुण मैथों कत्त्या ना जावे ।

त्रिंजन कत्तन सद्दण सईआं, बिरहों ढोल बजावे,
तीली नहीं जो पूणियां वट्टां, वच्छा गोहड़े खावे,
हत्थी ढिलक गई मेरे चरखे दी, हुण मैथों कत्त्या ना जावे ।

माही छिड़ गया नाल महीं दे, हुण कत्तन किस नूं भावे,
जित्त वल्ल यार उते वल्ल अक्खियां, मेरा दिल बेले वल्ल धावे,
हत्थी ढिलक गई मेरे चरखे दी, हुण मैथों कत्त्या ना जावे ।

अरज़ एहो मैनूं आण मिले हुण, कौण वसीला जावे,
सै मणां दा कत्त लया बुल्ल्हा, शहु मैनूं गल लावे,
हत्थी ढिलक गई मेरे चरखे दी, हुण मैथों कत्त्या ना जावे ।

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