Friday, 30 November 2018
कदी आ मिल बिरहों सताई नूं ।
इश्क लग्गे तां है है कूकें,
तूं की जाने पीड़ पराई नूं ।
कदी आ मिल बिरहों सताई नूं ।
जे कोई इश्क वेहाज्या लोड़े,
सिर देवे पहले साईं नूं ।
कदी आ मिल बिरहों सताई नूं ।
अमलां वालियां लंघ लंघ गईआं,
साडियां लज्जां माही नूं ।
कदी आ मिल बिरहों सताई नूं ।
ग़म दे वहन सितम दियां कांगां,
किसे कयर कप्पर विच पाई नूं ।
कदी आ मिल बिरहों सताई नूं ।
मां प्यु छड्ड सईआं मैं भुल्लियां,
बलेहारी राम दुहाई नूं ।
कदी आ मिल बिरहों सताई नूं ।
तूं की जाने पीड़ पराई नूं ।
कदी आ मिल बिरहों सताई नूं ।
जे कोई इश्क वेहाज्या लोड़े,
सिर देवे पहले साईं नूं ।
कदी आ मिल बिरहों सताई नूं ।
अमलां वालियां लंघ लंघ गईआं,
साडियां लज्जां माही नूं ।
कदी आ मिल बिरहों सताई नूं ।
ग़म दे वहन सितम दियां कांगां,
किसे कयर कप्पर विच पाई नूं ।
कदी आ मिल बिरहों सताई नूं ।
मां प्यु छड्ड सईआं मैं भुल्लियां,
बलेहारी राम दुहाई नूं ।
कदी आ मिल बिरहों सताई नूं ।
Subscribe to:
Post Comments
(
Atom
)
No comments :
Post a Comment