जिसका नाम सर पे लेकर तमाम उम्र गुजार दी आँखों की सब नींदे बस इन्तजार मै वार दी वो शक्श आज कहता हैं के मुझे जानता नहीं जिसके नाम से हर बदनामी अपने सर पे डाल दी
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