Monday, 31 December 2018
मेरे गीतों मेरी ग़ज़लों को रवानी दे दे
मेरे गीतों मेरी ग़ज़लों को रवानी दे दे
तू मेरी सोच को एहसास का पानी दे दे
मुद्दतों तरसा हूँ मैं तुझसे मुहब्बत के लिए
ख़्वाब में आके मुझे यादें पुरानी दे दे
थक गया गर्दिशे दौराँ से ये जीवन मेरा
मेरे रहबर मुझे मंज़िल की निशानी दे दे
तेरी राहों बिछा रक्खी हैं पलकें मैंने
मेरी आँखों को मसर्रत का तू पानी दे दे
चाँद निकला तो चकोरी ने कहा रो-रो कर
ओ मेरे चाँद कोई अपनी निशानी दे दे
तू मेरी सोच को एहसास का पानी दे दे
मुद्दतों तरसा हूँ मैं तुझसे मुहब्बत के लिए
ख़्वाब में आके मुझे यादें पुरानी दे दे
थक गया गर्दिशे दौराँ से ये जीवन मेरा
मेरे रहबर मुझे मंज़िल की निशानी दे दे
तेरी राहों बिछा रक्खी हैं पलकें मैंने
मेरी आँखों को मसर्रत का तू पानी दे दे
चाँद निकला तो चकोरी ने कहा रो-रो कर
ओ मेरे चाँद कोई अपनी निशानी दे दे
Subscribe to:
Post Comments
(
Atom
)
No comments :
Post a Comment