Friday 4 January 2019

बदल-ए-लज़्ज़ते-आज़ार कहाँ से लाऊँ badal ae lajjate ishq

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बदल-ए-लज़्ज़ते-आज़ार कहाँ से लाऊँ
अब तुझे ऐ सितमे-यार कहाँ से लाऊँ

है वहाँ शाने-तगाफ़ुल को जफ़ा से भी गुरेज़
इल्तफ़ाते-निगहे-यार कहाँ से लाऊँ

शेर मेरे भी हैं पुरदर्द वलेकिन ’हसरत’
’मीर’ का शेवाए-गुफ़्तार कहाँ से लाऊँ


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