सब हैं तेरी अंजुमन में बेहोश नज़्ज़ाराए-हुस्न का किसे होश बेहोश किया है सबको तूने अब जिसको ख़ुदाए-होश दे होश हो जाऊँ निसारे-हैरते-इश्क़ ऐ दानिश-ओ-ऐ-करार-ओ-ऐ होश ! हम अरसाए-हश्र में भी ’हसरत’ पहचान गए उन्हें ज़हे होश
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