Friday 28 December 2018
सुबू को दौर में लाओ बहार के दिन हैं
सुबू को दौर में लाओ बहार के दिन हैं
हमें शराब पिलाओ बहार के दिन हैं
ये काम आईन-ए-इबादत है मौसम-ए-गुल में
हमें गले से लगओ बहार के दिन हैं
ठहर ठहर के न बरसो उमड़ पड़ो यक दम
सितमगरी से घटाओ बहार के दिन हैं
शिकस्ता-ए-तौबा का कब ऐसा आयेगा मौसम
'अदम' को घेर के लाओ बहार के दिन हैं
हमें शराब पिलाओ बहार के दिन हैं
ये काम आईन-ए-इबादत है मौसम-ए-गुल में
हमें गले से लगओ बहार के दिन हैं
ठहर ठहर के न बरसो उमड़ पड़ो यक दम
सितमगरी से घटाओ बहार के दिन हैं
शिकस्ता-ए-तौबा का कब ऐसा आयेगा मौसम
'अदम' को घेर के लाओ बहार के दिन हैं
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