Tuesday 25 April 2017

लबो से कह दो

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लबो से कह दो



लबो से कह दो 
मेरा नाम न ले 
शाम से कह दो 
के अब सुबह न हो

मैं तुम बिन जी तो लूंगा 
मगर घड़ी घडी सास अटकेगी
मैं तुमसे अच्छा पा भी लूंगा
मगर नजर तुमको ही ढूंढेगी
वक्त से कह दो
यु सितम न दे

वही दरख़्त है वही हैं पत्ते
मगर जमीन नहीं कदमो तले
ये फासले बढ़ते ही गए
हम कितने मीलो चले
जुदा होने वाले 
बद दुआ न दे


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