Friday 21 April 2017

तुम मिल गए

No comments :



हां, मेरी जिंदगी तुम मेरी आशिकी मेरी ख़ुशी हो 
तुम से है सासे जुडी, कदमो पे आंखे जुडी 
कैसे कही पे, तुम यु ही जमीन पे थे
और बेवजह चाँद तारो से जुड़ गए

है तेरी ही है ये दुआ
मुझको जो है अब तक मिला 
तुझसे करे के गिला 
रास्ते ही अचानक कही और मुड़ गए

मैं कैसे तुझसे कहु
तेरा कैसे शुक्रिया करू
बेजान से जिंदगी मैं 
जाने कैसे तुम दो घड़ी मिल गए

No comments :

Post a Comment