Thursday 4 April 2019

मेरी हस्ती फ़ज़ा-ए-हैरत आबाद-ए-तमन्ना है meri hasti fazaa ae hairaat

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मेरी हस्ती फ़ज़ा-ए-हैरत आबाद-ए-तमन्ना है
जिसे कहते हैं नाला वह उसी आ़लम का अ़न्क़ा है

ख़िज़ां क्या, फ़स्ल-ए-गुल कहते हैं किसको, कोई मौसम हो
वही हम हैं, क़फ़स है, और मातम बाल-ओ-पर का है

वफ़ा-ए-दिलबरां है इत्तफ़ाक़ी वरना ऐ हमदम
असर फ़रियाद-ए-दिल-हाए-हज़ीं का किस ने देखा है

न लाई शोख़ी-ए-अन्देशा ताब-ए-रंज-ए-नौमीदी
कफ़-ए-अफ़सोस मलना अ़हद-ए-तजदीद-ए-तमन्ना है


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