Saturday 13 April 2019

बहुत सही ग़मे-गेती, शराब कम क्या है? Bahut sahi gam ae moti

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बहुत सही ग़मे-गेती, शराब कम क्या है?
ग़ुलामे-साक़ी-ए-कौसर हूँ, मुझको ग़म क्या है?

तुम्हारी तर्ज़-ओ-रविश, जानते हैं हम क्या है
रक़ीब पर है अगर लुत्फ़, तो सितम क्या है?

कटे तो शब कहें, काटे तो सांप कहलावे
कोई बताओ, कि वो ज़ुल्फ़े-ख़म-ब-ख़म क्या है?

न हश्रो-नश्र का क़ायल न केशो-मिल्लत का
ख़ुदा के वास्ते, ऐसे की फिर क़सम क्या है?

सुख़न में ख़ामए ग़ालिब की आतश-अफ़शानी
यक़ीं है हमको भी, लेकिन अब उसमें दम क्या है?


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