Friday, 25 August 2017
उस के शरार-ए-हुस्न ने शोला जो इक दिखा दिया ।
उस के शरार-ए-हुस्न ने शोला जो इक दिखा दिया ।
तूर को सर से पाँव तक फूँक दिया जला दिया ।
फिर के निगाह चार सू ठहरी उसी के रू-ब-रू,
उस ने तो मेरी चश्म को क़िबला-नुमा बना दिया ।
मेरा और उस का इख़्तिलात हो गया मिस्ल-ए-अब्र-ओ-बर्क़,
उस ने मुझे रुला दिया मैं ने उसे हँसा दिया ।
मैं हूँ पतंग काग़ज़ी डोर है उस के हाथ में,
चाहा इधर घटा दिया चाहा उधर बढ़ा दिया ।
तेशे की क्या मजाल थी ये जो तराशे बे-सुतूँ,
था वो तमाम दिल का ज़ोर जिस ने पहाड़ ढा दिया ।
सुनके ये मेरा अर्ज़े-हाल यार ने यूं कहा 'नज़ीर'
"चल बे, ज़ियादा अब न बक तूने तो सर फिरा दिया"
तूर को सर से पाँव तक फूँक दिया जला दिया ।
फिर के निगाह चार सू ठहरी उसी के रू-ब-रू,
उस ने तो मेरी चश्म को क़िबला-नुमा बना दिया ।
मेरा और उस का इख़्तिलात हो गया मिस्ल-ए-अब्र-ओ-बर्क़,
उस ने मुझे रुला दिया मैं ने उसे हँसा दिया ।
मैं हूँ पतंग काग़ज़ी डोर है उस के हाथ में,
चाहा इधर घटा दिया चाहा उधर बढ़ा दिया ।
तेशे की क्या मजाल थी ये जो तराशे बे-सुतूँ,
था वो तमाम दिल का ज़ोर जिस ने पहाड़ ढा दिया ।
सुनके ये मेरा अर्ज़े-हाल यार ने यूं कहा 'नज़ीर'
"चल बे, ज़ियादा अब न बक तूने तो सर फिरा दिया"
us ke sharaar-e-husn ne shola jo ik dikha diya .
toor ko sar se paanv tak phoonk diya jala diya .
phir ke nigaah chaar soo thaharee usee ke roo-ba-roo,
us ne to meree chashm ko qibala-numa bana diya .
mera aur us ka ikhtilaat ho gaya misl-e-abr-o-barq,
us ne mujhe rula diya main ne use hansa diya .
main hoon patang kaagazee dor hai us ke haath mein,
chaaha idhar ghata diya chaaha udhar badha diya .
teshe kee kya majaal thee ye jo taraashe be-sutoon,
tha vo tamaam dil ka zor jis ne pahaad dha diya .
sunake ye mera arze-haal yaar ne yoon kaha nazeer
"chal be, ziyaada ab na bak toone to sar phira diya"
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