लताफ़त बे-कसाफ़त जलवा पैदा कर नहीं सकती चमन ज़नगार है आईनह-ए-बाद-ए बहारी का हरीफ़-ए जोशिश-ए दरया नहीं ख़वुद-दारी-ए साहिल जहां साक़ी हो तू बातिल है द'वा होशयारी का
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